Tuesday, October 18, 2016

CAG ने भी बीजेपी शासित MCD को लताड़ा, बीमारियों की रोकथाम में फ़ेल हुई है MCD

सीएजी ने भी अपनी एक रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी शासित एमसीडी को उसकी विफलता के चलते लताड़ लगाई है। सीएजी ने साल 2013 से 2015 तक की एमसीडी के प्रदर्शन ऑडिट में यह पाया कि एमसीडी की तरफ़ से डेंगू-चिकगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम को लेकर उस स्तर पर प्रयास नहीं किए गए जिस स्तर पर किए जाने की ज़रुरत थी। सीएजी का यह भी कहना रहा कि फंड की कमी इसकी वजह ना होकर एमसीडी की निष्क्रियता ही इसकी असल वजह है। सीएजी ने अपने ऑडिट में पाया कि एमसीडी द्वारा वेक्टर-जनित बीमारियों की रोकथाम के प्रयासों में साल दर साल गिरावट भी आई है।

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मच्छरों को मारने के लिए एमसीडी ने जो तरीका अपनाया वो तय निर्देशों के अनुसार भी नहीं था और उस पर सभी नगर निगमों ने तकरीबन 44 करोड़ रुपए खर्च कर डाले, और तो और इस उस काम के प्रभाव बारे में जानकारी हांसिल करने के लिए भी किसी तरह की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई। दूसरी तरफ़ ब्रीडिंग चैकर की नियुक्ति की गई और इस पर नगर निगम ने कुल 109 करोड़ रुपए खर्च डाले लेकिन और इस काम की भी किसी तरह की मॉनिटिरंग की व्यवस्था नहीं की गई और ना ही उनके काम की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी लेने की कोई व्यवस्था नगर निगमों के द्वारा की गई।

आम आदमी पार्टी के दिल्ली इकाई के सचिव और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी के निकम्मेपन से दिल्ली की जनता तो परेशान है ही अब तो सीएजी ने भी उनके निकम्मेपन पर अपनी मुहर लगा दी है। सीएजी की रिपोर्ट से यह साफ़ जाहिर हो जाता है कि एमसीडी में बैठे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा पैसे की कमी होने का तो सिर्फ़ बहाना बनाया जा रहा है जबकि जनता के पैसे का उन्होने दुरपयोग ही किया है, ब्रीडींग चैकर्स की नियुक्ति को लेकर पैसे को पानी की तरह बहा दिया गया और उनके काम के अवलोकन की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई”  

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रिचा पांडे मिश्रा ने इस मुद्दे पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित एमसीडी की अब पूरी तरह से पोल खुल चुकी है, भारतीय जनता पार्टी नगर निगम में हर स्तर पर ना केवल फ़ेल साबित हुई है बल्कि अपने नाकारेपन की वजह से भी लताड़ खा रही है। दिल्ली में बीमारियों की रोकथाम में एमसीडी पूरी तरह से फेल साबित हुई है जिसे अब तो सीएजी ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है। वेक्टर-जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए मच्छरों को मारने का काम हो या फिर राजधानी में साफ़-सफ़ाई का काम, हर स्तर पर एमसीडी ने अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाया उपर से पूर्वी दिल्ली की मेयर सत्या शर्मा एक टीवी चैनल पर कहती हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं कि 1 सितम्बर से पहले वो फोगिंग नहीं कर सकते क्योंकि दमा के मरीजों के लिए वो हानिकारक होता है जबकि WHO ने ऐसा कोई भी निर्देश उसकी तरफ़ से दिए जाने को सिरे से नकार दिया है और यह साफ़ हो गया कि डब्ल्यू एच ओ की तरफ़ से ऐसी कोई गाइडलाइंस थी ही नहीं। एमसीडी में बैठे भारतीय जनता पार्टी के नेता ना केवल काम को लेकर ग़ैरज़िम्मेदार रहते हैं बल्कि वो उतनी ही ग़ैरज़िम्मेदारी से उलटे-पुल्टे बयान भी दे रहे हैं और काम करने के मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। 

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